PETA इंडिया का नया बिलबोर्ड लोगों से ऊन का बहिष्कार करने का आग्रह करता है
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2 November 2020
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यह राष्ट्रव्यापी अभियान सभी को ‘वीगन कपड़े पहनने’ हेतु प्रोत्साहित करता है
दिल्ली- नवम्बर (विश्व वीगन माह) के उपलक्ष्य में पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया द्वारा दिल्ली के अरविंदो मार्ग पर एक बिलबोर्ड लगवाया गया है जिसमें भेड़ों का एक समूह यह संदेश दे रहा है “हम जीवित प्राणी हैं। हम स्वेटर नहीं हैं। केवल वीगन कपड़े पहनिए।“ इस विज्ञापन की एक प्रति यहाँ उपलब्ध है।
दिल्ली में लगा यह विज्ञापन बोर्ड PETA के राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा है जिसके तहत बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई जैसे अन्य शहरों में भी ऐसे ही बिलबोर्ड लगाए गए हैं और उपभोक्ताओं से जानवरों के चमड़े से बने उत्पाद न इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है।
PETA इंडिया की सीनियर कैम्पेन्स कोर्डिनेटर राधिका सूर्यवंशी कहती हैं-“भेड़ संवेदनशील जानवर हैं और उन्हें भी मनुष्यों की तरह दर्द एवं डर का एहसास होता है, उन्हें भी अपनी एवं अपने परिवार की जान बहुत प्यारी होती है। इस ‘विश्व वीगन माह’ के दौरान हम लोगों से दयालु बनने और कपड़ों के ख़ातिर जानवरों के साथ अत्याचार न करने का आग्रह करते हैं।”
PETA इंडिया और इसके अंतराष्ट्रीय साहियोगियों द्वारा दुनियाभर के 100 से ज़्यादा ऊन उद्योगों में भेड़ो के साथ होने वाले नियमित अत्याचार का पर्दाफ़ाश किया गया है। साल की शुरुआत में, भेड़ को मारने-पिटने वाली वीडियो सामने आने के बाद भेड़ों के शरीर से ऊन कतरन करने वाले व्यवसायी को जानवरों के खिलाफ क्रूरता करने हेतु दोषी ठहराया गया। इसी तरह के कई अन्य ऊन कतरन करने वाले व्यवसायियों को ऊन कतरन के दौरान डरी सहमी भेड़ों के साथ मार पीट करते, लात घूसे मारते, उन्हें घसीटते, उनके सिर और गर्दन पर खड़े होते और यहाँ तक कि उनके अनुसार काम की ना रह जाने वाली भेड़ों के जिंदा रहते उनका गला काटते भी वीडियो पर कैद किया गया था।
PETA इंडिया द्वारा दिल्ली में बिलबोर्ड लगवाया गया है।
PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि “जानवर हमारे वस्त्र बनने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की वह वर्चस्ववादी सोच है जिसमे वह स्वयं को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानकर अपने फ़ायदों के लिए दूसरी अन्य प्रजातियों के शोषण करने को सही मानता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।