PETA इंडिया ने प्रधानमंत्री श्री मोदी जी से ‘गाँधी जयंती’ को ‘राष्ट्रीय मांस-मुक्त दिवस’ घोषित करने का अनुरोध किया

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13 September 2021

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नई दिल्ली- गाँधी जयंती से ठीक पहले, पीपल फार द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने हमारे शाकाहारी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखकर उनसें महात्मा गाँधी जी के अहिंसावादी विचारों के सम्मान में उनकी जयंती यानि 2 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय मांस-मुक्त दिवस’ घोषित करने का अनुरोध किया है। इस पत्र में PETA इंडिया ने बताया कि शाकाहारी जीवनशैली अपनाना महात्मा गाँधी जी के लिए ‘नैतिक सिद्धांत’ का विषय था।

PETA इंडिया द्वारा श्री नरेंद्र मोदी जी को भेजा गया पत्र अनुरोध करने पर उपलब्ध करवाया जाएगा।

PETA इंडिया के CEO डॉ. मणिलाल वलियते के अनुसार, “हमारे देश के लोगों को गांधी जी की नैतिकता का पालन करने हेतु प्रेरित करने से बुद्धिमान एवं  संवेदनशील जानवरों को गंदगी में कैद होने, उनके शिशुओं को उनसे जबरन दूर किए जाने और उन्हें उनके शारीरिक अंगों हेतु दी जाने वाली क्रूर संहार से बचाया जा सकेगा। भारतीय समाज पर गांधी जी के सकारात्मक प्रभाव को सम्मान देने हेतु शांतिपूर्ण शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देने वाली परंपरा शुरू करना सबसे सटीक तरीका है।“

PETA इंडिया ने अपने पत्र में लिखा, मांस का त्याग करने से कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, और मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है; पर्यावरण संरक्षण एवं ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में अपना योगदान दिया जा सकता है और भविष्य में महामारी के खतरे को भी कम किया जा सकता है। विभिन्न विशेषज्ञों की राय है कि कोविड-19 की शुरुआत जिंदा पशु मांस मंडियों से हुई और SARS, स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू का कारण भी जानवरों को भोजन हेतु मारना या कैद करना है।

PETA इंडिया की वीगन फूड एंड न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट डॉ. किरण आहूजा के अनुसार, “जानवरों को अपना भोजन न बनाने  का निर्णय, अन्य प्रजातियों, इस ग्रह की और स्वयं के शरीर तीनों के प्रति आपका सम्मान दिखाता है। PETA इंडिया सभी से अनुरोध करता है कि वो महात्मा गांधी जी की विरासत को सम्मान देने हेतु स्वास्थ वर्धक और स्वादिष्ट वीगन भोजन पौधों पर आधारित भोजन को ही ग्रहण करें“

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी विचारधार है जिसमे इंसान स्वयं को इस दुनिया में सर्वोपरि मानकर अपने फायदे के लिए अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है।

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