राज्य में पिट बुल अटैक की घटनाएँ सामने आने के बाद, PETA इंडिया ने उत्तर प्रदेश से राज्य में डॉग फाइट के लिए इस्तेमाल होने वाले विदेशी नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने, पशु बिक्री की अवैध दुकानों व ब्रीडर्स को बंद करवाने तथा डॉगफाइट पर शिकंजा कसने का अनुरोध किया।
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16 August 2022
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Hiraj Laljani; [email protected]
लखनऊ – महज कुछ सप्ताहों के अंदर, मेरठ में पिट बुल के आक्रमण से एक किशोरी के जख्मी होने, लखनऊ में पिट बुल के अटैक से एक बुजुर्ग महिला की मौत होने और गुरुग्राम में एक पिट बुल डॉग द्वारा एक महिला को गंभीर रूप से घायल करने जैसी घटनाओं के सामने आने के बाद, पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी तथा उत्तर प्रदेश नगरीय विकास मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा जी को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि राज्य में कुत्तों की अवैध लड़ाई के लिए विदेशी नस्ल के कुत्तों के रखने को प्रतिबंधित किया जाए, पालतू जानवरों की बिक्री करने वाली अवैध दुकानों व प्रजनन करने पर रोक लगाई जाए व साथ ही साथ अवैध डॉगफाइट पर नकेल कसी जाए। PETA इंडिया ने सिफ़ारिश की है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नागरिकों को निर्देश जारी किए जाएँ कि वह अपने घरेलू कुत्तों की नसबंदी करवाएँ और एक माह के अंदर उनका पंजीकरण करवाएँ। पंजीकरण के दौरान घरेलू कुत्तों की नस्लों को स्पष्ट रूप से बताएं। निर्देश ज़ारी होने के ठीक एक महीने की अवधी के बाद सरकारी प्रतिबंधित सूची के अंतर्गत आने वाले कुत्तों के पालन, प्रजनन, और बिक्री पूरी तरह से रोक लगा दी जाए। उत्तर प्रदेश राज्य ने हाल ही के हमलों के बाद कुत्तों की पिट बुल, रॉटवीलर और मास्टिफ नस्लों को प्रतिबंधित करने में रूचि दिखाई है।
PETA इंडिया के वेट्रीनरी पॉलिसी एडवाईजर डॉ. नितिन कृष्णगौड़ा कहते हैं- “एक के बाद एक हमलों से हमको सबक लेना चाहिए कि अगर भारत में इन्सानों द्वारा कुत्तों का शोषण जैसे कि क्रूर डॉगफाइट में उनका इस्तेमाल करने जैसी गतिविधियां बंद नहीं हुई तो फिर और भी ज्यादा लोग आहत होंगे। गैरकानूनी लड़ाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सभी नस्लों पर प्रतिबंध लगाने से उन नस्लों के कुत्तों को राहत मिलेगी जिन्हें केवल क्रूरता और पीड़ा सहने के लिए पैदा किया जाता है साथ ही साथ इन्सानों की भी रक्षा हो सकेगी।“
भारत में, “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960” के तहत कुत्तों को लड़ने के लिए उकसाना गैरकानूनी है। इसके बावजूद भी उत्तर भारत के कई अन्य हिस्सों में डॉग फ़ाईट्स का धड़ल्ले से आयोजन होता है और इस तरह की फ़ाईट्स में पिट बुल प्रजाति के कुत्ते सबसे ज्यादा दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं। पिट बुल प्रजाति के कुत्तों को आमतौर पर अवैध लड़ाई के लिए पाला जाता है व हमलावर कुत्तों के रूप में उन्हें जंजीरों से बांधकर कर रखा जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप यह कुत्ते आजीवन पीड़ा सहते हैं। कई कुत्तों को शारीरिक विकृतियों का सामना करना पड़ता है जैसे उनके कान काटना, यह एक अवैध प्रक्रिया है जिसमे एक कुत्ते के कान का कुछ हिस्सा काट कर निकाल दिया जाता है ताकि लड़ाई के दौरान दूसरा कुत्ते को उसके कान चबाने से रोका जा सके व लड़ाई में हार न हो जाए। इन अवैध डॉग फाइटिंग के दौरान कुत्तों को तब तक लड़ने के लिए लगातार उकसाया जाता है जब तक कि दोनों कुत्तों में से एक गंभीर रूप से घायल न हो जाए या मर न जाए।
UK में Pit Bull Terriers, Japanese Tosas, Dogo Argentinos, और Fila Brasileiros नामक प्रजाति के कुत्तों को रखना अवैध है। इन विशेष प्रजाति के कुत्तों को इसलिए प्रतिबंधित किया गया क्योंकि इनका प्रयोग मनोरंजन हेतु कुत्तों को अवैध रूप से लड़वाने, शोषित करने और जबरन आक्रामक बनाने के लिए किया जाता था। इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया में, UK में प्रतिबंधित प्रजातियों के साथ-साथ Perro de Presa Canorios पर भी रोक लगाई गयी है और जर्मनी में Pit Bull Terriers, American Staffordshire Terriers, और Staffordshire Bullterriers नामक कुत्तों के आयात पर रोक है।
PETA इंडियन ने चेतावनी दी है कि कुत्तों की बिक्री करने वाली अधिकांश दुकानें व ब्रीडर्स राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत नहीं होते और उनके द्वारा बेचे जाने वाले “पेडिग्री” कुत्तों को उचित पशु चिकित्साकीय देखभाल और पर्याप्त भोजन, व्यायाम, प्यार और समाजीकरण से वंचित रखा जाता है। जिन लोगों के पास पर्याप्त समय, प्यार, करुणा और संसाधन हैं, PETA इंडिया उन सभी लोगों से आग्रह करता है कि आश्रय गृहों या सड़कों पर जीवन यापन कर रहे किसी कुत्ते को गोद लें व उसे अपनाएं।
PETA इंडिया जो इस धारणा में विश्वास रखता है कि “जानवर हमारा मनोरंजन करने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकी यह एक ऐसी विचारधारा है जिसमे मनुष्य इस संसार में स्वयं को सर्वोपरि मानकर अन्य समस्त प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें Twitter, Facebook, व Instagram सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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