PETA इंडिया की अपील पर राजस्थान के वन मंत्री ने पिटाई किए गए हाथी के बचाव के आदेश दिये

PETA समूह द्वारा मालती की पिटाई होने का विडियो वायरल होने के बाद मंत्री जी से मालती की रिहाई की मांग की गयी थी। महज़ 2 वर्ष के अंदर यह दूसरा मौका था जब मालती को सार्वजनिक रूप से पीटा गया था।

जयपुर : PETA इंडिया से जानने के बाद कि मालती नामक एक हाथी जिसे “44 नंबर” के रूप में जाना जाता है, को हाल में उसके देखभाल कर्ता द्वारा खुलेआम बेदर्दी से पीटा गया था। 2 साल के अंदर यह दूसरा वाक्या था जब जयपुर में आमेर के किले पर गैरकानूनी हाथी सवारी के दौरान मालती को एक बार फिर मार सहनी पड़ी थी। राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री सुखराम विशनोई जी ने राजस्थान के ‘मुख्य वन्यजीव वार्डेन’ को आदेश जारी कर तत्काल रूप से मालती को कब्जे में लेकर किसी पुनर्वास केंद्रे भेजे जाने के आदेश दिये हैं।

PETA इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर ऑफ पॉलिसी, निकुंज शर्मा कहते हैं- “मालती को हाथीसवारी कराने के लिए यह सब अत्याचार सहना पड़ता है जो कि धरती पर नरक के समान है और किसी भी जीवित प्राणी के लिए अनुपयुक्त है। हाथियों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ के लिए आवश्यक है कि वो आज़ादी से घूमें, अपनी मनमर्जी के मालिक हों व अपनी मानसिक समवेदनाओं के अनुसार जीयें। जब उन्हे बंदी बना लिया जाता है व पीटा जाता है तो वह अक्सर अपने आसपास वालो पर हमला कर या नुकसान पहुँचाकर अपनी निराशा व्यक्त करते हैं। मालती को न सिर्फ इस अत्याचार से मुक्ति दिलाने बल्कि पर्यटकों एवं सामान्य जनता के जीवन की रक्षा के नजरिए से, उसको तत्काल रूप से किसी पुनर्वास केंद्र भेजे जाने की आवश्यकता है।“

राजस्थान वन विभाग को भेजे गए पत्र में PETA इंडिया ने इंगित किया था कि माह जून 2017 में अमेरिकी पर्यटकों के एक समूह ने आमेर के किले में 8 देखभालकर्ताओं द्वारा मालती को 10 मिनट तक डंडों के साथ बेरहमी से पिटाई किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। पत्र में आगे कहा गया था उसके तनावग्रस्त होने के स्पष्ट सबूतों के बावजूद इन्सानों के जीवन को जोखिम में डालते हुए मालती से अभी भी जबरन हाथी सवारी कारवाई जा रही है। मालती द्वारा कभी भी हिंसक हो जाने के स्पष्ट संकेतो को देखते हुए, PETA इंडिया ने वन विभाग से उसे तुरंत कब्ज़े में लेकर किसी पुनर्वास केंद्र भेजे जाने का आग्रह किया था।

PETA इंडिया- जिसके मूल सिद्धान्तों में से एक, ‘‘जानवर हमारे मनोरंजन या किसी भी अन्य प्रकार से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”, इस बात का संज्ञान लेता है कि वर्ष 2018 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा अधिकृत जयपुर में बंदी हाथियों पर की गयी एक जांच रिपोर्ट में पाया गया कि “100 हाथियों में से, 44 नंबर हाथी जिसका नाम “मालती” है वह बेहद तनाव एवं घबराहट का शिकार थी व उसका मानसिक उन्मत्तावस्था का इतिहास भी रहा है”। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि उसके मालिक के पास उसके स्वामित्व का जो प्रमाणपत्र है वह अमान्य है व उसके हितों के साथ समझौता किया गया है। उसके पैर के नाखून बढ़े हुए, टूटे-फूटे, क्षतिगृस्त व बेरंग हैं। उसके नाखूनों के आसपास की तवचा सख्त, सूजी हुई व कटी-फटी है। उसके पैरों के तलवे ऊबड़ खाबड़, चोटिल व दरारों से भरे हुए हैं। उसके ब्लड प्रोफाइल में एसिनोंफिलिया तथा न्यूट्रोपेनिया के लक्षण पाये गए। एसिनोंफिलिया यानि शरीर में अलर्जी, दवाओं का अत्यधिक सेवन व परजीवी की उपस्थिती तथा न्यूट्रोपेनिया यानि खून में असामान्य रूप से कुछ न्यूट्रोफिल की उपस्थिति जो संक्रमण की संवेदनशीलता को बढ़ाती है। इस जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया मालती एवं उसके देखभाल कर्ता आमेर के किले या हाथीगांव पर हाथी सवारी कराये जाने हेतु ‘भारतीय पशु कल्याण विभाग’ के तहत पंजीकृत होने के मापदण्डों को पूरा नहीं करते।

विवाहित जोड़े विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने भी मालती की दुर्दशा की निंदा करते हुए उसकी रिहाई का अनुरोध किया है।

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