PETA इंडिया की शिकायत पर एस.डी.एम. ने पुरानी दिल्ली में माँजा बिक्री कर रही 7 दुकानें सील करी
PETA इंडिया के सहयोग से, SDM (सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट) एवं दिल्ली पुलिस ने छापामारी की कार्यवाही को अंजाम दिया
दिल्ली : पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया द्वारा जानलेवा माँझे की खुलेआम बिक्री की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए एसडीएम कोतवाली, श्री गौरव सैनी ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से PETA इंडिया के अधिकारियों की मौजूदगी में दिल्ली के लालकिला इलाके में छापेमारी की। मौके पर बिक्री कर रही 7 दुकानों पर की गयी इस छापेमारी में अनेकों किलो गैरकानूनी माँजा बरामद हुआ जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए एसडीएम के आदेश से “पर्यावरण संरक्षण कानून, 1986” के तहत एक लाख रुपये का जुर्माना लगाकर समस्त सातों दुकानों को बंद कर मौके पर ही सील कर दिया गया।
सातों दुकानदार उस गैरकानूनी माँझे की बिक्री कर रहे थे जिसे दिल्ली सरकार द्वारा 10 जनवरी 2017 को एक आदेश जारी कर प्रतिबंधित किया जा चुका है। दिल्ली सरकार के उस निर्देश में कहा गया है की दिल्ली में किसी भी प्राकार के माँझे की बिक्री, उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति, आयात अथवा इस्तेमाल प्रतिबंधित है। दिल्ली में यह प्रतिबंध इन्सानो, पक्षियों, अन्य जानवरों एवं पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनज़र लगाया गया है। प्रतिबंध के अनुसार दिल्ली एनसीआर में पतंगबाजी हेतु किसी भी प्रकार के लेप से मुक्त केवल सूती डोर के इस्तेमाल की ही अनुमति है।
छापेमारी की फोटो यहाँ से डाऊनलोड की जा सकती हैं।
PETA इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर ऑफ पॉलिसी निकुंज शर्मा कहते हैं –“हम एसडीएम द्वारा दुकानों को सील करने और अपराधियों के खिलाफ अधिकतम जुर्माना वसूल करने के फैसले की सराहना करते हैं। इससे इंसानों, पक्षियों और अन्य जानवरों की जान बचाई जा सकेगी। अगर लोग इस बात का एहसास करने लग जाएं की माँजा जानलेवा है तो वह पतंगबाजी के लिए केवल सादी सूती डोर का इस्तेमाल कर अनेकों इन्सानों एवं पक्षियों को गंभीर दुर्घटनाओं से बचा सकेंगे“
श्री गौरव सैनी, एसडीएम कोतवाली कहते हैं- “अपराधियों को प्रतिबंधित मांजा बेचने से रोकने के लिए एक मजबूत मिसाल कायम करना बहुत जरूरी था। तीखे लेप चड़े माँझे की चपेट में आने से इस साल छह इन्सानों और 700 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई है। तीखे लेप की कोटिंग के कारण माँझा फँसने से दिल्ली मेट्रो के चलने में कई तकनीकी खरबियां आई है जिससे लाखों यात्रियों को असुविधा हुई है। सरकार की मंशा स्पष्ट है कि माँझे के खतरे को पूरी तरह कम किया जाए और इस हेतु ज़ीरो टोलरेंस की नीति की जरूरत है”।
इस साल अगस्त में, PETA इंडिया की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उत्तरी दिल्ली के सदर बाजार और बारा हिंदू राव और पूर्वी दिल्ली के मधु विहार इलाके में में अनेकों दुकानों पर दबिश देकर लगभग 100 किलोग्राम माँजा जब्त किया था। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत शिकायतें दर्ज की गईं, जिसमें 1 लाख रुपये तक का जुर्माना और 5 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
हर वर्ष हजारों पक्षी इन तेज मांझो की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं। मांझे में उलझ कर उनके पंख कट जाते है या फिर शरीर पर लिपट जाने से वह कई-कई हफ़्तों तक पेड़ों या इमारतों पर फंसे रहते है। फरवरी 2019 में दौरान दिल्ली के तिमारपुर में गला कट जाने से एक मोटर साईकल सवार की मौत हो गयी थी तथा इसी वर्ष जुलाई माह में एक अन्य मोटरसाईकल सवार माँझे की चपेट में आने से अपना संतुलन खो बैठा जिससे मोटरसाईकल अनियंत्रित होकर टकराने से उसपर बैठी 3 वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी।
PETA इंडिया जो इस सरल सिधान्त के तहत काम करता है की जानवर किसी भी प्रकार से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है, सभी प्रकार के पशु पक्षियों के शोषण का विरोध करता है जो मनुष्य के वर्चस्ववादी होने की विचारधारा का परिचायक है।