अभिनेत्री ‘सदा सैयद’ एवं PETA इंडिया ने मिलकर मुंबई के अनाथालयों के सैंकड़ों बच्चों में वीगन भोजन वितरित किया

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29 July 2020

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अभिनेत्री एवं PETA समूह ने ईद-ऊल-अज़हा के मद्देनजर जरूरतमंदों में मुफ्त वीगन भोजन वितरित किया 

मुंबई – बकरीद के मद्देनजर, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया एवं अभिनेत्री सदा सैयद जो कि अंधेरी वेस्ट में Earthlings नाम से एक वीगन कैफ़े भी चलाती हैं, ने ‘चिलड्रन एड सोसाइटी’ द्वारा संचालित 7 अनाथालयों के 750 बच्चों में कैल्शियम, प्रोटीन से भरपूर तथा माँस की जगह सोया चंक से बनी वीगन बिरयानी वितरित की। सैयद ने बॉलीवुड एवं दक्षिण भारत की फिल्मों में अभिनय किया है व हाल ही में वो टॉर्चलाइट नामक तामिल फिल्म में भी नजर आयी थी।

‘सदा’ कहती हैं – “मैं वीगन हूँ इसलिए माँस मुक्त ईद मनाती हूँ। इस साल, PETA इंडिया के साथ मिलकर सैंकड़ों अनाथ बच्चों में पौष्टिक वीगन भोजन वितरित करना एक शानदार अनुभव रहा।  ईद पर बहुत से लोग जरूरतमंदों में वीगन खाना, कपड़े और पैसे बांटते हैं व दान पुण्य के कम करते हैं। इन्सानों एवं जानवरों की भलाई के लिए इससे बेहतर और कुछ नही।“

मुंबई के उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया था कि पशुओं की कुर्बानी केवल ‘देवनार बूचड़खाने’ के अलावा किसी भी अन्य व्यक्तिगत स्थान पर ना दी जाए। PETA इंडिया ने देवनार बूचड़खाने पर जांच कर वहाँ हो रही अवमाननाओं का पर्दाफ़ाश किया था। पिछले साल ईद के दौरान इस बूचड़खाने में 1.24 लाख बकरों एवं भेड़ों तथा 2700 भैंसों को कुर्बानी के लिए लाया गया था। जांच में यह सामने आया था कि ठूस ठूस कर ट्रकों में भरकर लाने से रास्ते में हुई तकलीफ, ठोकरे एवं दम घुटने से बहुत से जानवर रास्ते में ही मर गए थे, मृत भैंसों को बुलडोजर से उठाकर एक से दूसरी जगह ले जाया जा रहा था व एक शेड के नीचे मरे हुए जानवरों की लाशों का ढेर लगा था।

इसके अलावा अन्य गैरकानूनी कृत्यों में- कत्लखानों में जब जानवरों को मारने के लिए ले जया जाता है और जानवर मौत के डर से सहम कर रुक जाते हैं व आगे नहीं बढ़ते तो उन्हें लगातार पीटा जाता है व आगे चलते रहने के लिए मजबूर किया जाता है। कत्लखानों के अंदर इन जानवरों को अप्रशिक्षित कसाइयों के द्वारा अन्य जानवरों के सामने, खुले में ही एक धारदार चाकू से आधा गला काट कर तड़फ तड़फ कर धीमी मौत मरने के लिए छोड़ दिया जाता है और मारने से पहले उन्हें बेहोश तक नहीं किया जाता।

PETA इंडिया ने समस्त राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजकर ईद के मद्देनजर जानवरों के अवैध परिवहन एवं हत्याओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। PETA इंडिया ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश का भी हवाला दिया है जिसमे कुर्बानी एवं हत्याओं के 2 मामलों पर सुनवाई के दौरान माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि “जानवरों को केवल आधिकारिक तौर पर लाईसेंस प्राप्त कत्लखानों में ही कत्ल किया जा सकता है और नगर पालिका अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा की इस निर्णय का पालन हो“ पशुओं पर क्रूरता के संबंध में पारित कानून तथा खाद्य सुरक्षा के संबंध में पारित दिशानिर्देश यह कहते हैं कि पशुओं की हत्या एवं कुर्बानी केवल ऐसे लाइसेन्स प्राप्त कत्लखानों में ही दी जानी चाहिए जहां पशुओं को बेहोश करने की पर्याप्त सुविधा हो। कानूनन ऊंट का कत्ल प्रतिबंधित है लेकिन ईद के दौरान ऊंट की कुर्बानी देना एक आम बात है।

PETA समूह इस बात का संज्ञान लेता है कि एक अंडे में 6 ग्राम प्रोटीन व 100 ग्राम गाय के दूध में 170 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। वहीं दूसरी ओर 100 ग्राम सोया चंक में 52 ग्राम प्रोटीन व 350 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की वर्चस्ववादी सोच का परिचायक है जिसके तहत वह स्वयं को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानकर अपने फ़ायदे के लिए अन्य प्रजातियों का इस्तेमाल करने को सही मानता है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।

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