सोनू सूद और श्रद्धा कपूर ने जीता PETA इंडिया 2020 का ‘हॉटेस्ट शाकाहारी’ का पुरस्कार
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देश की प्रख्यात शाकाहारी हस्तियों को दिये जाने वाले इस पुरुस्कार के विजेता को PETAIndia.com के पाठकों के वोटों के आधार पर चुना जाता है
मुंबई- ऐसे वैश्विक महामारी के दौर में जिसका स्रोत चीन की पशु मांस मंडियों को माना जाता है और जिसके कारण भारत में लाखों लोगों को ऐसी ख़तरनाक बीमारी का सामना करना पड़ा एवं 140,000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गयी, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया द्वारा लोगों से शाकाहारी बनने का अनुरोध किया जा रहा है और सभी को प्रेरित करने हेतु सोनू सूद और श्रद्धा कपूर को 2020 के हॉटेस्ट शाकाहारियों के अवार्ड से नवाज़ा गया है।
सोनू सूद ने लोगों को शाकाहारी बनने हेतु प्रेरित करने के लिए PETA इंडिया के विज्ञापन कैम्पेन में भाग लेकर जनता को जानवरों से जुड़े मुद्दों पर जागरूक किया और PETA समूह द्वारा आयोजित एक अन्य अभियान “हग अ वीगन” (वीगन व्यक्ति को झप्पी देना) वाली विशेष गतिविधि का भी हिस्सा रहे। उन्होनें McDonald’s को अपने मेन्यू में McVegan बर्गर जोड़ने वाली सोश्ल मीडिया अपील को भी अपना समर्थन दिया। सोनू ने केवल माँस के लिए मौत के घाट उतार दिये जाने वाले जानवरों के लिए ही आवाज़ नहीं उठाई बल्कि जब वह अपने बेटे के साथ क्रिकेट खेल रहे थे तब उन्होने वहाँ घायल पड़े एक कबूतर की जान भी बचाई थी।
PETA इंडिया द्वारा साझा की गयी एक व्यंजन विधि की पुस्तक ने श्रद्धा कपूर को शाकाहारी बनने के लिए प्रेरित किया। श्रद्धा कपूर जानवरों के लिए आवाज़ उठाने के किसी भी अवसर को जाने नहीं देती फिर वह चाहे अपने सोश्ल मीडिया अकाउंट पर कई बार शाकाहारी व्यंजनों के चित्र साझा करने की बात हो या एक गर्भवती गाय पर हुए भयानक हमले की भी घोर निंदा की।
PETA इंडिया के ‘डायरेक्टर ऑफ सेलेब्रिटी एंड पब्लिक रिलेशन’ सचिन बंगेरा ने कहा, “सोनू सूद और श्रद्धा कपूर करुणामयी भोजन का चुनाव करके इस दुनिया में जानवरों के प्रति बदलाव लाने की दिशा में सही कदम उठा रहे हैं। फल और सब्जियों को खाने से कभी कोई महामारी नहीं फैली और इसलिए PETA इंडिया सोनू सूद और श्रद्धा कपूर द्वारा लोगों को माँस रहित भोजन का चुनाव करने की दिशा में एक उदाहरण के रूप में काम करने हेतु पुरस्कृत कर रहा है। “
PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है, “जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नहीं हैं,” और सभी को गंदी माँस मंडियों और पशु पालन केन्द्रों के प्रति सजग रहने की चेतावनी देता है क्यूंकि स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, SARS, और अन्य जानलेवा बीमारियां यहीं से पनपी थी। PETA इंडिया की एक विडियो “Glass Walls” में दिखाया गया है कि जब भोजन हेतु मुर्गियों के गले को काटा जाता है तो वह महसूस कर पा रही होती हैं कि उनके साथ क्या हो रहा है। माँस के लिए मारी जाने वाली गायों और भैसों को छोटे एवं तंग वाहनों में ठूस-ठूस कर भरकर उन्हें बूचड़खानों तक पहुंचाया जाता है की रास्ते में ही उनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं और सूअरों के सचेत अवस्था में रहते उनके गले में चाकू घोंप दिया जाता है। समुद्र से पकड़ी गयी मछलियों को पानी से निकाल कर नौकाओं की डेक पर फेंक दिया जाता है जिससे वह एक एक सांस के लिए संघर्ष करती हैं। जिंदा बची मछलियों को माँस बाज़ार में सचेत अवस्था में होते हुए उन्हें काट कर उनकी भयनाक हत्या कर दी जाती है।
जानवरों के साथ होने वाले शोषण के साथ- साथ माँस का सेवन हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और मोटापे जैसे बीमारियों का भी एक बड़ा कारण है। ‘यूनाइटेड नेशन्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए लोगों को वीगन जीवनशैली को अपनाना बहुत ज़रूरी है।
पिछले सालों में यह पुरस्कार मानुषी छिल्लर, सुनील छेत्री, अनुष्का शर्मा, कार्तिक आर्यन, विद्युत जामवाल, कंगना रनौत, शाहिद कपूर, रेखा, नरेंद्र मोदी और अमिताभ बच्चन को दिया गया है।
PETA इंडिया प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की वह वर्चस्ववादी सोच है जिसमे वह स्वयं को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानकर अपने फ़ायदों के लिए दूसरी अन्य प्रजातियों के शोषण करने को सही मानता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ या आप हमें Twitter, Facebook, या Instagram पर फॉलो भी कर सकते हैं।
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