भोजन के लिए पशुओं का इस्तेमाल
मांसाहारी भोजन के लिए माँस उद्योग में पशुओं के साथ की जाने वाली बर्बरता व पर्यावरण पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभावों के विपरीत शाकाहारी भोजन से होने वाले स्वास्थ्य लाभों व भूखमरी और क्रूर कत्लखानों में काम करने की दर्दनाक स्थितियों से निजात पाने जैसे अनगिनत कारण हैं जिनके चलते अनेकों लोग माँस खाना छोड़कर कर मानवीय एवं स्वास्थ्य के लिए बेहतर माने जाने वाले शाकाहारी भोजन को अपना रहे हैं।
जानवरों के साथ क्रूरता
हमारे प्यारे दोस्त कुत्ते और बिल्लियों की तरह ही फार्म पशु भी हर तरह से बुद्धिमान होते हैं और उनको भी दर्द महसूस होता है. फार्म पशु भी जिज्ञासु और दिलचस्प होते हैं, जो अपनी जिन्दगी को महत्वपूर्ण मानते हैं और उससे जुड़ी समस्याओं को हल करते हैं. उन्हें भी भय और दर्द का अनुभव होता है और वे साधनों का उपयोग करने के योग्य होते हैं.
फिर भी हर साल भोजन के लिए मारे जाने वाले अरबों पशुओं को क्रूरता से बहुत कम कानूनी संरक्षण मिलता है, जबकि कुत्तों या बिल्लियों के साथ ऐसा करना अवैध माना जाता है. वे उपेक्षित हैं, उन्हें कैदी बनाकर और जैनेटिक्ली छेड़छाड़ कर उनको लगातार ड्रग्स खिलाई जाती हैं, जिससे उन्हें भयानक दर्द और गंभीर अपंगताओं से जूझना पड़ता है. उन्हें गंभीर विपरीत परिस्थितियों में ले जाकर भीषण और हिंसक तरीकों से मारा जाता है. इसलिए वीगन बनना पशुओं पर इन अत्याचारों को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है.
आपका स्वास्थ्य
मांसाहार छोड़ना जीवन भर अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है. मांस, अंडे और डेयरी आहार में पाए जाने वाले अतिरिक्त वसा, कोलेस्ट्रॉल और दूषित पदार्थों के विपरीत शाकाहाआहार हमें वे सभी पोषक तत्व प्रदान करते हैं जिनकी हमें आवश्यकता होती है. वीगन आहार हमें हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा, स्ट्रोक और कैंसर से बचाने में मदद करते हैं. वीगन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है और औसतन, मांसाहारियों की तुलना में 10 साल अधिक जीवित रहते हैं.
पर्यावरण
वीगन होने से पृथ्वी को भी स्वस्थ रखने में मदद मिलती है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के निष्कर्ष से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने के लिए विश्वभर में वीगन भोजन अपनाए जाने की जरूरत है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के एक अधिकारी हेनिंग स्टीनफेल्ड बताते हैं, “आज मांस उद्योग सबसे गंभीर पर्यावरणीय समस्याएं खड़ी करने वाले सबसे बड़े क्षतिकर्ताओं में से एक है.”
भूखमरी
भोजन के लिए पशु पालन न केवल कीमती संसाधनों को बर्बाद कर भारी मात्रा में कचरा उत्पन्न करता है, बल्कि यह भूखे लोगों से उनके मुंह के निवाले भी छीन लेता है. भोजन के लिए पशुओं को पालना हद दर्जे की मूर्खता है. उनको खिलाए जाने वाले चारे की अंश मात्र कैलोरिज ही मांस के रूप में हमें वापस मिलती हैं. अगर हम इतनी बड़ी मात्रा में पशु पालन/प्रजनन बंद कर इंसानों का पेट भरने के लिए फसलें उगाना शुरू कर दें, तो हम इस दुनिया के हर इंसान को स्वस्थ और सस्ता वीगन भोजन आसानी से उपलब्ध सकते हैं.
पशु कत्लखाने
पशु कत्लखानों और मांस की फेक्ट्रियों के पास रहने वाले लोग भी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं, और भारत में इन कत्लखानों की संख्या बढ़ती जा रही है. विश्व भर में, ये कत्लखाने हर दिशा में कई मील तक हवा और पानी को प्रदूषित करते हैं, और अक्सर आस-पास रहने और काम करने वाले लोगों में मलिनता और बीमारी फैलाते हैं. इन बस्तियों को गंभीर बीमारी, दिमागी पागलन, जहरीले जलस्त्रोतों, कैंसर में वृद्धि और यहां तक कि जानलेवा प्लेग जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. PETA इंडिया के साथ वीगन होने की शपथ लें और हम आपको स्वस्थ रहने के लिए सुझाव और शाकाहरी भोजन के नुस्खे भेजेंगे ताकि जीवन करूणा भाव से व्यतीत किया जा सके. वीगन आहार के सैकड़ों नुस्खों के लिए क्लिक करें.