चोटिल चिड़िया अमृतसर में निवासियों से अपील करेगी की वो जानवरों के अनुकूल लोहड़ी एवं मकर संक्रांति मनाएं।

अमृतसर – पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया का एक समर्थक, चिड़िया के भेष में, खून से लथपथ पतंग उड़ाने वाले माँझे में उलझा हुआ व हाथ में पतंग के आकार का बोर्ड पकड़कर प्रदर्शन करेगा जिस पर लिखा होगा “शीशे का लेप चड़े माँझे को काटे, पंखो को नहीं”। चिड़िया क्या संदेश देना चाहती है ? शीशे का लेप चड़ी सूती डोर एवं अन्य प्रकार का माँझा हज़ारों पक्षियों एवं इन्सानों को घायल करने एवं उनकी मौत का ज़िम्मेदार है। सुरक्षित एवं आनंदमयी लोहड़ी एवं मकर संक्रांति मनाने के लिए यह सुनिश्चित करें की इस दिन माँझे का प्रयोग नहीं करेंगे।

समय : शुक्रवार, 11 जनवरी, दोपहर 12 बजे से
स्थान : जालियावालां बाग के बाहर, स्वर्ण मंदिर मार्ग, अमृतसर, पंजाब 143 001

PETA इंडिया की राधिका सूर्यवंशी कहती हैं –“धारदार माँझा इन्सानों एवं पक्षियों दोनों के लिए घातक है, हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस लोहड़ी एवं मकर संक्रांति पर माँझे का प्रयोग न करते हुए इस पर्व को सभी के लिए सुरक्षित एवं आनन्दमयी बनाएँ, पक्षियों के लिए भी।“

हर वर्ष हजारों पक्षी इन तेज मांझो की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं। मांझे में उलझ कर वह कई-कई हफ़्तों तक पेड़ों या इमारतों पर फंसे रहते है। वर्ष 2016 में दिल्ली के श्री दिगंबर लाल जैन पक्षी अस्पताल में लगभग 500 पक्षियों का इलाज किया गया था जो स्वतन्त्रता दिवस समारोह के आसपास मात्र 3 दिन में माँझे से घायल हुए थे। वर्ष 2018 में उत्तरायन त्यौहार के दौरान वन विभाग द्वारा मात्र 2 दिन में लगभग 2000 पक्षियों को बचाया गया था। अहमदाबाद के एक पशु बचावकर्ता का अनुमान है कि प्रतिवर्ष उत्तरायन पर्व के दौरान शहर में लगभग 2000 पक्षी खतरनाक माँझे का शिकार होते हैं जिसमे कबूतर तथा लुप्तप्राय प्रजाति के पक्षी जैसे की गिद्ध भी शामिल हैं और इनमे से गंभीर रूप से चोटिल तकरीबन 500 पक्षियों की मौत हो जाती है। एक अन्य अनुमान के अनुसार वर्ष 2015 में हैदराबाद में मकर संक्रांति के दौरान माँझे की वजह से 300 पक्षी गंभीर रूप से घायल हुए थे व 100 की जान चली गयी थी।

हाल ही में 30 दिसंबर 2018 को अहमदाबाद में 22 वर्षीय एक नौजवान मोटरसाईकल पर जाते हुए माँझे की चपेट में आने वा गर्दन कट जाने की वजह से मारा गया था। मार्च 2017 में भी एक ऐसा ही वाक्या हुआ था जब चेन्नई में एक व्यक्ति बाईक चलाने के दौरान तेज माँझे से गर्दन कटने से मौत का शिकार हुआ था। 15 अगस्त 2016 को दिल्ली में तेज मांझे से गर्दन कट जाने से 3 लोगों की जान चली गयी थी जिनमे 3 साल की उम्र के दो बच्चे भी शामिल थे। इनके अलावा माँझे से जुड़ी 3 अलग अलग घटनाओं में तीन अन्य व्यक्तियों को भी अपनी जान गवानी पड़ी थी जिनमे जुलाई 2016 में गाज़ियाबाद में एक युवक, अगस्त 2015 में पूर्वी दिल्ली में एक व्यक्ति व 2015 में चेन्नई में अपने पिता के साथ मोटरसाईकल से जाता एक 5 वर्षीय बच्चा था।

PETA इंडिया द्वारा सभी प्रकार के माँझे पर राष्ट्रस्तरीय प्रतिबंध की मांग वाली याचिका पर कार्यवाही करते हुए ‘नेशनल ग्रीन ट्रिबुनल’ की एक बैन्च ने सिंथेटिक एवं नायलॉन माँझा जिसे चाइनीज माँझे के नाम से जाना जाता है के उपपोग पर प्रतिबंध का आदेश पारित किया है। PETA इंडिया सिर्फ सिंथेटिक एवं नायलॉन माँझे से ही नहीं बल्कि सभी प्रकार के घातक माँझे से पक्षियों एवं इन्सानों की रक्षा करने के प्रयास जारी रखेगा।

अधिक जानकारी के लिए कृपया PETAIndia.com. पर जाएं।
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