विश्व नसबंदी दिवस से पूर्व PETA इंडिया ने विशाल ‘कंडोम’ के रूप में प्रदर्शन कर पशुओं में जन्म नियंत्रण को प्रोत्साहित किया

PETA के स्वयं सेवकों ने शिमला निवासियों से कुत्तों एवं बिल्लियों की बढ़ती जनसंख्या से निपटने हेतु अपने पशुओं की नसबंदी कराने की अपील की

शिमला – PETA इंडिया के 2 समर्थक एक विशाल कंडोम का रूप धारण कर व हाथ में “कुत्ते कंडोम इस्तेमाल नहीं कर सकते, उनकी नसबंदी करें” लिखा बोर्ड पकड़ कर भीम द्वार फिटनेस क्लब के सदस्य ‘विश्व नसबंदी दिवस (26 फरवरी)’ से पूर्व शिमला में पशु नसबंदी से संबन्धित लिखित सामाग्री बाटेंगे। PETA का उद्देश्य है कि स्थानीय निवासियों को पशु जन्म नियंत्रण पर जागरूक किया जाए।

समय : 21 फरवरी, बृहस्पतिवार, दोपहर 12 बजे
स्थान : द रिज़ के पास, एम्पि थियेटर के बाहर, शिमला

PETA इंडिया की कैम्पेन कोर्डीनेटर आयुषी शर्मा कहती है- “प्रति वर्ष लाखों कुत्ते एवं बिल्लियाँ सड़कों पर कष्ठ सहते हैं या फिर अच्छा घर न मिल पाने के कारण उन्हे पशु आश्रय ग्रहो में जीवन व्यतीत करना पड़ता है”। PETA आप सबसे अनुरोध करता है की कुत्तों एवं बिल्लियों की नसबंदी करवाएँ। और यदि आप किसी कुत्ते एवं बिल्ली को गोद लेना चाहते हैं तो उन्हे किसी पशु बिक्री स्टोर से न खरीदें बल्कि हमेशा किसी बेघर पशु को ही अपनाए।“

सिर्फ शिमला में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में अवांछित पशुओं को अक्सर सड़कों पर छोड़ दिया जाता है जहां वो जीवित रहने के लिए संघर्ष करते हैं। उनमे से अधिकांश भूखे रहते हैं, घायल होते हैं, मार दिये जाते हैं, वाहनों की चपेट में आते हैं या किसी अन्य तरह के दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं। ऐसे ही अन्य अनगिनत पशु अच्छे घरों के अभाव में पशु आश्रय ग्रहों में अपना जीवन यापन कर देते हैं। जब भी कोई व्यक्ति किसी पशु बिक्री स्टोर या फिर किसी ब्रीडर से कोई कुत्ता या बिल्ली खरीदता है तो किसी एक बेघर पशु को उसका घर मिलने का अवसर भी समाप्त हो जाता है।

इसका समाधान भी ABC की तरह बहुत आसान है। किसी एक मादा कुत्ते की नसबंदी करने से अगले 6 वर्ष में 67000 बच्चों के जन्म पर पर रोक लगाता है जबकि एक मादा बिल्ली की नसबंदी करना आगामी 7 वर्षो में 420,000 बच्चों के जन्म पर रोक लगाता है। नसबंदी किए गए जानवर लंबा व स्वस्थ्य जीवन जीते है तथा नर पशु के मामलों में उनके बेवजह घूमने, लड़ने व काटने में कमी आती है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com. पर जाएं।